मनुष्य का भाग्य कब लिखा जाता है : - मित्रों हम सभी के मन में कभी न कभी ये सावल जरूर आए है की मनुष्य का भाग्य किस समय लिखा जाता है हम सभी अक्सर कई लोगो को ये कहते या फिर सुनते आ रहे है । किस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता है यानि की जो किस्मत में लिखा है वो कर के ही रहेगा लेकिन हम ये नहीं सोचते की हमारे भाग्य में क्या लिखा है अगर भाग्य पहले से तय हो जाता है तो क्या कर्म से भाग्य बदला जा सकता है ।
इस संसार में कर्म को मानने वाले लोग कहते है की भाग्य नहीं होता है और भाग्य वाले लोग कहते है की भाग्य में जो लिखा है वही ही होगा अर्थात कर्म और भाग्य ये दो बिंदुओं के दूरी पर व्यक्ति घूमता रहता है । और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह कर चला जाता है ईश्वर ऐसे सोचता है की इसे राजा बनाना है , या दरिद्र होना है । जाहिर सी बात है की वो हमारा कर्म है इंसान के कर्मों से उसका भाग्य का ही तय होता है । इंसान को कर्म करते रहना चाहिए क्योंकि कर्म से भाग्य का लिखा बदला जा सकता है ।
मनुष्य का भाग्य कब लिखा जाता है
जो भी व्यक्ति इस धरती पर जन्म लेता है उसका भविष्य पहले से ही लिखा जाता है मनुष्य का जन्म कब होगा , कहां होगा , और उसके जीवन में क्या - क्या समस्या आएंगे । कहते है ये विधि का विधान है और इसे छा कर भी नही बदला जा सकता है लेकिन ऐसे नहीं है क्योंकि त्रेता युग और द्वापर योग में कई ऐसे लोग थे जो राक्षस कुल के होते हुए अपने कर्मो से मोक्ष को प्राप्त किया थे ।
इसी प्रकार हर प्रानी का भाग्य पहले से ही लिखा होता है हम सभी इस सृष्टि में हो रही नाटक के छोटे-छोटे पात्र हैं जिनका जन्म किसी न किसी उदयस्य से इस संसार में हुआ लेकिन इस कलयुग में ये भी पूर्ण सत्य नहीं है । आपका भाग्य आपके कर्म पर आधारित है । अब दोस्तो आपने ये कहावत तो सुनी होगी की आप जो पोते है वही पाते है अगर आप अच्छे और नेक काम करते है तो आपके साथ हमेशा अच्छा ही होता हैं । लेकिन अगर आपने जीवन में हमेशा बुरे काम ही किए हैं संभवत इसका दुष्प्रभाव आपको इसी जन्म में देखने को मिलेगा ।
अपना भाग्य को कैसे बदलें?
अपना भाग्य को बदलने के लिए भगवान को याद करते हुए अपना कर्म करते रहना चाहिए जिससे आपकी किस्मत चमकने की संभावना बनी हैं हम कर्म योग के पुरुष और इसका प्रबंधकमान है इस लिए हमे अपनी कर्म निरंतरण सही दिसा में करते रहना चाहिए। और बाकी का काम हमारे भगवान खुद देख लेगा यानी बिना कर्म किए हमे जीवन में कुछ भी नहीं मिल पता ।
इस लिए हमारे धर्म ग्रंथों में धर्म कर्म और पुण्य कर्म करने की प्रेरणा दी गई है। क्योंकि यही एकमात्र रास्ता है जो हमे जन्म और मृत्यु के चक्र से बहार निकाल सकता है अनाथ बुरे कर्म करने वाले लोगो को भगवान के चरणों में कभी भी जगह नहीं मिलती है । इस संसार में जितना भी कुछ है और हम इसे पाना चाहते है तो प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जो कर्महीन अर्थात प्रयास नहीं करते उन्हें जिंदगी में कभी भी कुछ हासिल नहीं कर सकते है ।
मनुष्य का भाग्य कब लिखा जाता है गरुड़ पुराण :- मनुष्य का भाग्य उसके कर्म पर निर्धारित करता है की उसके भाग्य कब लिखा जाएगा हम उम्मीद करता हूं ये जानकारी आपको पसंद आई होगी तो आपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले ।
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