Thursday, May 18, 2023

best moral stories in hindi | रियल लाइफ स्टोरी इन हिंदी

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एक में जो समझ नहीं सका, खुद को आज तक और एक  दुनिया वाले हैं। जो ना जाने मुझे क्या- क्या  समझ लेते हैं। कई बार फेर समझ का होता है। 


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एक बार  टीचर आपने बचो को कहते है बच्चों आज में तुम्हे एक कहानी सुनाऊँगी । ध्यान से सुनना ओर बीच मे एक  प्रश्न पूछूंगी। उसका उत्तर देना । टीचर ने कहानी शुरू की


 एक समय एक छोटा सा जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उस पर एक पति-पत्नी सफर कर रहे थे। उन्होंने देखा  कि जहाज में एक ही लाइव वोट जिस पर  एक ही व्यक्ति बैठ सकता है। पति ने पत्नी को जहाज में ही  छोड़ दिया और खुद लाइफपोर्ट पर जाकर बैठ गया। 


पत्नी पीछे से चलाइए चीला-चीला कर वो  बार-बार कुछ कह रही थी। बतावो बच्चों  पत्नी क्या कह रही होगी । बच्चो ने एक साथ जवाब दिया । वो छिलाई होगी कि तुम मुझे प्यार नहीं करते। तुम बेवफा हो पर एक चुप चाप बैठा था । 


टीचर ने उसके पास जा कर कहा, तुम भी जवाब दो उदास क्यों हो तब उस बच्चे ने कहा। पत्नी ने चिल्लाकर कहा होगा कि हमारे बच्चे का ख्याल रखना टीचर हैरान थे । बोली बच्चे क्या यह कहानी तुमने पहले कभी सुनी है क्योंकि पत्नी ने यही कहा था, पर तुम्हें कैसे मालूम की पत्नी ने यही कहा था। 


बच्चे ने जवाब दिया। मैंने ये कहानी  कभी नहीं सुनी। पर मेरी मां ने मरते वक्त मेरे पिता से यही कहा था कि मेरे बच्चे का ख्याल रखना उसका जवाब एकदम सही था। 


टीचर ने कहानी आगे बढ़ाई जहाज डूब गया और वह व्यक्ति बच गया और उसने अपनी बच्ची की अच्छे से Parvarish की कई  सालों के बाद जब उस व्यक्ति की मृत्यु हुई तो उसकी बेटी को अपने पिता के सामान से एक डायरी मिली।  जिसमें  अपनी पत्नी के लिए लिखा था। 


( मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं। ) उस घटना की याद का भारी एहसास लेकर मैं कैसे जी रहा हूं। ये  तुम और मैं ही समझ सकते हैं। तुम्हारी बीमारी आखरी अतर पर थी  तुम कुछ ही दिन की मेहमान थी अगर   बेटी की परवरिश का सवाल ना होता तो मैं भी उसी दिन तुम्हारे साथ समुद्र की गहराइयों में समा गया। तुम्हें उस दिन मेरी उ  ही  अकेले ना छोड़ता । 


कहानी खत्म हुई। सारी क्लास मोन थी वो कहानी के  भीतर की शिक्षा को समझ चुकी थी । दोस्तों  जीवन में कुछ ऐसी परिस्थितियां होती है जिन्हें स्थाई तौर पर देख कर या  सुनकर हम निष्कर्ष पर कूद पड़ते हैं पर उन्हें वही समझ सकता है जो  या तो इस्तिथ से गुजर चुका हूं। क्या गुजर रहा हो । 


इसलिए कभी भी किसी भी घटना को सतही तौर पर देख कर तभी निष्कर्ष न  निकालना। हर कहानी के 3 पहलू होते। एक वो जो  आप देखते सुनते और समझते हैं।  दूसरे वो जो दूसरे  देखते सुनते हैं और समझते है और तीसरा जो  सच होता है। 


कितनी प्यारी बात कही है किसी ने ( एक  पल भी  निभा न सकेंगे मेरा किराएदार वो लोग , जो  मुझे मशवरे हजार देते हैं।)  फिर मिलेंगे दोस्तों अगली कहानी के साथ तब तक के लिए अपना ख्याल रखना और हमेशा मुस्कुराते रहना।


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