Sunday, July 25, 2021

पेट में बच्चा कैसे रुकता है | प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है - pregnancy process week by week

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दोस्तों  एक बार फिर से स्वागत है आपका Hindi me Help Blog में 1 महीने से 9 महीने के गर्भ में शिशु के विकास का रोचक सफर वाला पोस्ट  जरुर देखें। दोस्तों जैसा कि हम सभी को पता है। हम मां के गर्भ में 9 महीने तक एक बीज से पूरे शरीर का रूप लेते हैं और फिर 9 महीने बाद जब हमारा शरीर बनकर तैयार हो जाता है तो हमें इस दुनिया में लाया जाता है और यह केवल हमारे आपके साथ नहीं बल्कि इस दुनिया में मौजूद हर एक शख्स के साथ होता है। पर क्या कभी आपने यह सोचने की कोशिश की प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है? ओर पूरा प्रोसेस किस तरह होता है। 


तो चलिए दोस्तों जानते है पेट में बच्चा कैसे रुकता है | प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है  इसलिए इस इंटरेस्टिंग पोस्ट  को अंत तक जरूर देखिएगा।

पेट में बच्चा कैसे रुकता है

पहले महीने :- दोस्तों जब हम पहले महीना  की बात करें तो वो  महीना होता है। जब बहुत से  महिलाओं को ही पता भी नहीं होता। की वह  प्रेग्नेंट हो चुकी है और जब इस महीने की अंतिम दिन उनके पीरियड रुक जाते हैं तो उन्हें कहीं ना कहीं एहसास होता है कि कहीं वह प्रेग्नेंट तो नहीं है। 

हालांकि तब भी उन्हें पूरी तरह से कन्फर्म नहीं होता क्योंकि पीरियड रुकना या  आगे पीछे होना बिल्कुल नॉर्मल चीज हैं और इसी चीज को कंफर्म करने के लिए महिलाएं प्रेगनेंसी किट का सहारा लेती है या फिर डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाती है ।  

दोस्तों प्रेगनेंसी के पहले महीने का पहला दिन  महिला के अंतिम चरण पीरियड पर शुरू होता है और वहीं से महिला को पहला दिन लग जाता है और इस महीने के अंत में बच्चा 1 सेंटीमीटर जितना  बड़ा हो जाता है। उसके अंगों का विकास सुरु हो चुका  होता है। उसके फेफड़े , उसका दिमाग उसकी भुजाएं। उसकी टांगें उसका दिल धीरे-धीरे विकसित होने लगता है। 

पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है

दूसरा महीना : अब  दोस्तों अगर हम प्रेगनेंसी के दूसरे महीने की बात करें।  तो बच्चे का विकास 2 सेंटीमीटर जितना  हो जाता है। बच्चे की आंखें उसकी हड्डियां उसके घुटने और रिप्रोडक्टिव सिस्टम का विकास होना शुरू हो जाता है और इस महीने में बच्चे की हार्ट बीट भी आ जाती है। जिसको  अल्ट्रासाउंड के माध्यम से डिटेक्ट किया जा सकता है। 

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है?

तीसरा महीना :  दोस्तों तीसरे महीने में बच्चे का चेहरा इंसान की तरह दिखना शुरू हो जाएगा। बच्चे इतने में 7 से लेकर 8 सेंटीमीटर तक लंबा हो जाएगा और पीठ में अपनी धीमी धीमी हलचल भी शुरु कर देगा। लेकिन इस हलचल का एहसास मां को नहीं हो पाएगा और इसी महीने में बच्चे के सभी महत्वपूर्ण अंगों का डेवलपमेंट होगा। 

बच्चा कौन से महीने में हलचल करता है?

चौथा महीना : प्रेगनेंसी के चौथे महीने में बच्चा अपनी मोमेंट शुरू कर सकता है क्योंकि उसके शरीर पहले से थोड़ा मजबूत हो जाएगा। इसलिए अब अगर बच्चा मूवमेंट करेगा तो उसका एहसास मां को होने लगेगा। शिशु की लंबाई करीब 13 सेंटीमीटर तक हो गई होती है। उसके रिप्रोडक्टिव सिस्टम बन रहे होते हैं और उसके पैरों हाथों की उंगलियां भी बन रही होती है। 

5 महीने का बच्चा पेट मे कैसा रहता है ।

पांचवा महीना: दोस्तों प्रेगनेंसी के  5 महीने पर बच्चा इस समय 20 सेंटीमीटर जितना लंबा हो चुका होता है। यहां तक कि उसने अपने अंगूठे को चूसना शुरू कर दिया होता है और बच्चे का जो सोने का और उठने का जो पैटर्न है वह भी बन गया होता हैं । और इस समय   बच्चा जो कोई भी मोमेंट करेगा, उसका एहसास मां को हल्की हल्की हलचल के रूप में होने लगेगा। 

पेट में बच्चा कब घूमना शुरू करता है?

छठा महीना :  दोस्तों अब इस समय बच्चे का साइज लगभग 30 मीटर हो जाता है। बच्चा गर्भ के अंदर काफी मजबूत हो रहा होता है और उसकी जो  एक्टिविटी है   वह भी काफी ज्यादा की हो रही  होती है  और इस समय पर मां को बच्चे की लात मारने का अहसास होने लगता है। ओर  इससे मां को यह भी पता चल जाता है कि बच्चा बलशाली हो गया है, लेकिन अगर किसी महिला को अपने बच्चे की हलचल महसूस नहीं हो रही है। तो यह  चीज समस्या भी खड़ी कर सकती है इसलिए उस महिला को तुरंत डॉक्टर  संपर्क करना चाहिए और पूरा चेक अप करना चाहिए। वरना बहुत प्रॉब्लम हो सकती है। छठे महीने तक बच्चे के बाल आने शुरू हो जाएंगे और यहां तक कि उसके आइब्रो के ऊपर भी बाल आने शुरू हो जाते हैं। 

ओर उसके दिमाग और उसके  विकास  भी बहुत तेज  गति से होने लगता है। 

7  महीने का बच्चा पेट मे कैसा रहता है ।

सातवां महीना : दोस्तों सातवें महीने पर बच्चे की लंबाई 33 सेंटीमीटर की हो जाती है। बच्चे का शरीर काफी अच्छे तरीके से grow कर रहा होता है और बहुत ही अच्छे से मजबूत हो चुका होता है और पेट के अंदर पूरी हलचल कर रहा होता है।

 दोस्तों जब शिशु मां के गर्भ में अपने पैरों हाथों को फैलाता है तो मां का पेट अकड़ जाता है जिसके कारण पेट में दर्द हो सकता है और मां को कठोरता महसूस हो सकती है। अब ऐसी स्थिति में घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि बच्चे का ऐसा करना बिल्कुल नॉर्मल है। हम आपको बता दें। इस टाइम तक बच्चा आपकी आवाज सुन सकता है। इसलिए उससे कनेक्शन बनाने की कोशिश कीजिए और खुद भी वही चीजें सुननी हो तो इतनी चाहिए जो आप अपने बच्चे के दिमाग में डालना चाहते हैं या नहीं। यानी  गर्भावस्था के दौरान अगर आप अच्छी चीजें थी और पढ़ेंगे तो बच्चे के दिमाग में भी उसका असर पड़ेगा और वह वैसा ही बनेगा। इसलिए इस चीज का ध्यान रखें कि मां जो भी  कुछ करेंगी  गर्भ में उसके बच्चे पर उसका असर होगा ।

8 महीने का बच्चा पेट मे कैसा रहता है ।

आठवां महीना: दोस्तों इस अवस्था में बच्चे का विकास बहुत तेज गति से  होना शुरू हो जाता है। बच्चे की लैंड  कही न कही 45 सेंटीमीटर तक पहुंच जाती है और उसके सभी महत्वपूर्ण अंगों का विकास हो चुका होता है। लेकिन फिर भी दिमाग और कहीं फेफड़े का विकास अभी भी  पूरी तरह से नहीं होता है। इसलिए आठवें महीने पर आपको डिलीवरी नहीं करवानी है और ना ही ऐसा कोई काम करना है जिससे आपके डिलीवरी आठवें महीने में ही हो जाए।  जैसे कि आपको ड्राइविंग नहीं करनी है। आपको बहुत ज्यादा घी नहीं खाना  है 

क्योंकि बच्चा भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। उसका दिमाग को पूरी तरह से विकसित होने में 9 महीने का वक्त लगता ही है।इस लिए कभी भी आठवें महीने में डिलीवरी नहीं करानी चाहिए। लेकिन आठवें महीने के अंतिम समय में बच्चा अपना पूरा विकास करने का और उस टाइम बच्चे की पोजीशन कैसी हो जानी चाहिए, जिससे आपकी नॉर्मल डिलीवरी संभव हो सके और बच्चे की सबसे सही पोजीशन ही होती है। की उसका सिर नीचे की तरफ होता है। उसका चेहरा मां की पीठ की तरफ होता है और उसके जो हाथ और पैर होते हैं, अंदर की तरफ मुड़े हुए होते हैं और  कंडीशन में बच्चा  आ जाता है तो यह बहुत ही बढ़िया बात है।क्योंकि सी कंडीशन में नार्मल डिलीवरी के चांस होते हैं?

9 महीने का बच्चा पेट मे कैसा रहता है ।

 नवा महीना :  दोस्तों अगर हम सबसे अंतिम महीने की बात करें तो उस समय पर बच्चे की लंबाई है। वह 45 सेंटीमीटर से  50 सेंटीमीटर की हो चुकी होगी। बच्चे का वजन 2.5k  से 4 किलो के बीच में होगा। 

दोस्तों आठवें महीने तक सब ठीक हो जाता है। लेकिन आठवें महीने के अंतिम समय से  बच्चे का जो वजन होता है वह तेजी से बढ़ना शुरू हो जाता है इस लिए  आठवें नौवें महीने में बच्चे की मूवमेंट कम हो जाती है। इससे गर्भ में इतना ज्यादा यरिया  नहीं मिल पाता और वह moment कर सके।  और इसका दूसरा कारण यह भी होता है कि बच्चे ने अपना सिर पहले भी इस यरिया में फिक्स  कर लिया है।अब इस समय बच्चा पूरी तरह से विकसित हो चुका है और कभी भी मां को लेबर पेन  होने पर उसकी डिलीवरी हो जाएगी।

 दोस्तो उम्मीद है करता हूँ यह हमारे पोस्ट आपको पंसद आया होगा तो आपने दोस्तो के साथ शेयर करना न भूले ।

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