हर पिता अपने बच्चों के लिए चाहते हैं कि वो उनसे भी ज्यादा आगे बढ़े उनसे भी ज्यादा नाम रोशन करें और उनसे भी अच्छी जिंदगी जिए। इस बात को सिखाने के लिए वह हर तरकीब लड़ाते हैं वह हर चीज करते हैं जिससे आपको कुछ बेहतर सिखा पाए कई बार तो हम उनकी बातें समझ जाते हैं लेकिन कई बार हम उनकी बातों से असहमत होते हैं।बऔर उनसे तर्क वितार करते हैं में आपको एक कहनी सुनता हूं जिससे आपको जीवन की अच्छी सीख मिलेगा ।
जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई
जीवन की सीख कि कहानियां
ऐसे ही एक बार एक राजा ने अपने तीन बच्चों को जीवन की सीख देने के बारे में विचार किया उन्होंने अपने तीन बच्चों को बुलाया क्योंकि वह चाहते थे कि आगे के समय में वही राजपाट संभालेंगे तो इसके लिए उन्हें अच्छी सीख दी जाए।
इस विचार के साथ राजा ने अपने तीनों ही पुत्रों को दरबार में बुलाया और कहा कि हमारे राज्य में एक भी नासपती का पेड़ नहीं है तो मैं चाहता हूं कि तुम तीनों ही एक-एक करके चार 4 महीने के अंतराल में अलग-अलग क्षेत्रों में जाओ और ढूंढ कर मुझे बताओ कि नाशपाती का पेड़ कैसा होता है।
राजा की आज्ञा पाकर तीनों ही पुत्र बारी-बारी से अलग-अलग क्षेत्रों में गए और वापस अपने राज्य लौट कर आए तीनों पुत्रों के लौट आने के बाद राजा ने फिर से एक बार सभी को दरबार में बुलाया। सबसे से पूछा कि आप एक-एक करके बताइए कि नाशपाती का पेड़ कैसा था राजा ने अपने पहले पुत्र को उठाया और पूछा कि बताओ नाशपाती का पेड़ कैसा होता है।
पहले पुत्र ने जवाब दिया कि पिताजी नाशपाती का पेड़ ठेडा मेढ़ा और पूरा सुखा होता है।
दूसरे पुत्र ने पहले भाई से रोकते हुए कहा कि नहीं नहीं नहीं पिताजी यह तो बिल्कुल गलत बता रहे हैं नाशपाती का पेड़ बिल्कुल भी ऐसा नहीं होता है। नाशपाती का पेड़ तो बिल्कुल हरा भरा होता है लेकिन हां उसमे कुछ कमी थी जिसके कारण उसमें कोई भी फल नहीं लग रहा था।
तीसरा पुत्र अपने स्थान से खड़ा हो गया और अपने भाई को कहने लगा कि भैया मुझे लगता है कि आपने भी सायद गलत पेड़ देख लिया क्योंकि नासपती का असली पेड़ तो मैंने देखा है वह बहुत ही शानदार था खूबसूरत था और फलों से लदा हुआ था।
राजा की तीनों ही पुत्र अपनी अपनी बातों को लेकर विवाद करने लगे एक कहने लगा कि मैं सही हूं। दूसरा कहने लगा कि सिर्फ मैं सही हूं ।और तीसरा कहने लगा कि मैं सही हूं । इस बात पर राजा अपने सिंहासन से खड़े हो गए और कहा कि पुत्रों आपस में लड़ो मत तुम तीनों ही अपनी अपनी बातों में बिल्कुल सही।
तुम तीनों ही पेड़ का सही वर्णन कर रहे हैं बात यह है कि मैंने तुम तीनों को अलग-अलग समय में पेड़ खोजने के लिए भेजा था इसलिए वह पर तीनों ही समय में तुम्हें अलग अलग नजर आए थे अब राजा ने अपने तीनों पुत्रों को कहा कि मैं चाहता हूं कि तुम इस अनुभव के आधार पर इन तीन बातों की गांठ बांध लो राजा ने कहा कि इस घटना इन तीनों को पहले जो सीख मिलती है।
वह यह है यदि किसी चीज के बारे में तुम्हें सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो उसे लंबे समय तक देखना और परखना चाहिए चाहे वह कोई विषय वस्तु हो या फिर कोई इंसान ही क्यों ना हो।
दूसरी सीख यह मिलती है कि हर मौसम एक जैसा नहीं होता जिस प्रकार एक बर्क्ष पहले सूखा होता है फिर हरा भरा होता है और से फलों से लदा होता है ऐसे ही हमारे जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं । इसलिए जी तुम भी अपने जीवन में बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
तो हार मत मानो और अपने साहस को बनाए रखो क्योंकि तुम्हारा वक्त भी बदलने वाला है और दूसरी बात जो तुम्हें हमेशा याद रखना अपनी बातों को ही सही मानकर उस पर है मत रहो अपने दिमाग को खोलो ।
और दूसरों बात हमेशा याद रखना है कि सिर्फ़ आपनी बातों की ही सही मान कर आड़े मत रहो आपने दिमाग को खोलो ओर दूसरे विचारों को सुनना और समझना सीखो यह पूरा का पूरा संसार ज्ञान से भरा पड़ा है। चाह कर भी तुम अकेले पूरा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते। इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी समझदार व्यक्ति से सलाह लेने में जरा सी भी संकोच न करें तो इस कहानी से मिली तीन सिखों को आप हमेशा याद रखिएगा और इस बात को भी याद रखिएगा कि यदि आपके मां-बाप आप को सिखाने के लिए किसी तरीके का इस्तेमाल करते हैं कोई बात समझाने की कोशिश करते हैं तो उसे आप सुनिए समझिए और अपने जीवन में इस्तेमाल कीजिए।
और इन तीन बातों में से आप अपने जीवन में सबसे पहली बार कौन सी अमल करने जा रहे हैं मुझे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं अगले पोस्ट में फिर मिलते हैं धन्यवाद।
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