Wednesday, September 2, 2020

कोमा में जाने के बाद क्या होता है | what Happens if you Are in coma In Hindi

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दोस्तो एक बार फिर स्वागत है आपका Hindi me Helps Blog  में दोस्तों क्या आपको मालूम है कोमा में जाने के बाद क्या होता है और कोमा में इंसान क्या देखता है शायद आपको यह भी नहीं मालूम होगा कि कोमा में जाने की वजह क्या होती है लेकिन इन सभी सवालों का जवाब आज के इस post  में मिलेगा इसलिए post  को अंत तक जरूर देखना।
Koma me Jane ke bad kya hota hai

दोस्तो  मौत एक ऐसी घटना है जो हर इंसान की जिंदगी में कभी ना कभी तो घटती  ही है हालांकि जब कोई अचानक से हमसे दूर चला जाता है तो उसका झटका  का कुछ ज्यादा ही लगता है ठीक वैसे ही जैसे इस समय पूरे हिंदुस्तान को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को सुशांत सिंह राजपूत की मौत का झटका लगा है।

जिसके लिए  जनता लगातार उन को इंसाफ दिलाने के लिए समर्थन कर रही है और इस केस से जुड़ी जितने भी नई इंफॉर्मेशन होगी वह हमारे ब्लॉग पर आपको देखने को मिलेगी पर दोस्तों हमारा आज का टॉपिक थोड़ा हटकर है क्योंकि हम सभी यह सुनते हैं कि यह शख्स कोमा में चला गया।

तो हम दुख होता है जहा  अधिकतर ऐसा ही होता है कि कोमा में जाने के बाद  लोग वापस लौट कर नहीं आते हैं ऐसे में आपके दिमाग में कभी ना कभी यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर यह कोमा  होता ही  क्या है

और इस अवस्था में जाने के बाद इंसान के साथ क्या होता है तो दोस्तों आज आपके इन्हीं सवालों का जवाब यानी मैं आपका दोस्त प्रदीप वर्मा  अपनी इस पोस्ट  के माध्यम से देने वाला हूं इसलिए इस पोस्ट  के अंत तक बने रहना । 

चलिए शुरू करते हैं लेकिन हां पोस्ट  इस पोस्ट को जितना हो सके शेयर ज़रूर करना । 

कोमा क्या होता है ? 

दोस्त को सबसे पहले हम आपको बता दें कि उमा शब्द का मतलब होता है गहरी नींद में ऐसे में कोमा एक  लंबी बेहोशी की हालत को कहा जा सकता है । और ऐसा तब होता है जब दिमाग पर कोई गंभीर चोट लगती है या फिर किसी और कारण से दिमाग के अंदर रक्त संचार में गतिरोध उत्पन्न हो जाता है और इस हालत में मरीज का दिमाग है तो सो जाता है या मर जाता है पर दोस्तों शरीर पूरी तरह से एक नॉर्मल इंसान की तरह काम करता है ।

पर तो कोमा में गए इंसान को कानूनी तौर पर जिंदा नहीं माना चाहता क्योंकि कानून की नजर में इंसान तब जिंदा है जब तक उसका दिमाग जिंदा है और इस चीज के सबसे बड़ी वजह यही है कि हम जो भी देखते हैं सुनते हैं उसका माध्यम भले ही हमारी आंख कान नाक वगैरह वगैरह हो लेकिन यह सभी चीजें समझने की योग्य सिर्फ और सिर्फ हमारा दिमागी क्योंकि आंखें तो बस आईना या कैमरे की तरह है उस पर सिर्फ प्रकाश पड़ता है लेकिन उस प्रकाश से तस्वीरें सिर्फ और सिर्फ हमारा दिमाग तो बनाता है।

ठीक है ऐसे ही कान में जब कोई ध्वनि पहुंचती है तो कंपन होता है लेकिन उस कंपन से आवाज भी सब्द  बनाने की क्षमता सिर्फ और सिर्फ अमर दिमाग के पास है तो आप ही कह सकते हैं कि हम सिर्फ और सिर्फ जब तक जीवित है जब तक हमारा दिमाग कार्य कर रहा है और जैसे ही हमारे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया हम भले ही चाहे जितने अमीर हो या प्रतिभाशाली क्यों ना हो हम किसी भी काम के नहीं रह जाएंगे।  ऐसे में शरीर के बाकी सभी अंग सहायक के तौर पर काम करते हैं लेकिन अगर हमारा दिमाग मर जाएगा तो हमें किसी भी तरह से जीवित नहीं कहा जाएगा।

हालांकि यह सब तो कानूनी बात है पर अगर हम विज्ञान के तौर पर बात करें तो दोस्तों विज्ञान की दृष्टि में किसी भी इंसान को मरा हुआ तभी माना जाएगा जब के दिल की धड़कन  चलनी  बंद हो जाए । क्योंकि इस अवस्था में व्यक्ति के दिमाग भी जीवित नहीं रह सकता और इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि एक बार अगर कोई व्यक्ति कोमा में चला गया तो इस बात के कम आशा  है कि वह वापस से जीवित हो पाए।

लेकिन अगर किसी की धड़कनें रुक गई तो उसे वापस जिंदा कर पाना लगभग नामुमकिन होता है और इसी वजह से विज्ञान की नजर में दिल की धड़कन रुक जाने पर ही व्यक्ति को मृत घोषित किया जाता है ।और अगर सभी चीजों को क्रम में रखे हैं तो हमें यह पता चलेगा कि सबसे पहले दिल धड़कना बंद करता है फिर  शरीर में खून और ऑक्सीजन का प्रवाह रुकता है उसके बाद ऑक्सीजन की सप्लाई न मिलने के कारण दिमाग काम करना बंद कर देता है।

लेकिन जब यह काम उल्टा हो जाता है तो कोमा कहलाता है जिसमें दिल की धड़कन रुकने से पहले ही दिमाग ठप पर जाता है दोस्तों को कोमा को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है 

बेहोश होने पर दिमाग में कोई हल चल नहीं होना 


पहला  बेहोश व्यक्ति के दिमाग में कोई हलचल नहीं होती और इस अवस्था को ब्रेन डेड भी कहा जाता है।

बेहोश व्यक्ति के दिमाग में हलचल देखी जा सकती है 


ओर  दूसरी वह श्रेणी होती है जिसमें बेहोश व्यक्ति के दिमाग में हलचल देखी जा सकती है ऐसे में जिन व्यक्तियों के दिमाग में कोई हलचल नहीं होती उस अवस्था में इंसान के ठीक होने की उम्मीद ना के बराबर होती है हां एक आद बार ऐसा हो सकता है कि इंसान ठीक हो जाए लेकिन अक्सर लोग मृत्यु को ही प्यार हो जाते हैं।

कोमा में जाने के बाद क्या होता है 

लेकिन जिन लोगों के दिमाग में कोमा  के दौरान हलचल या गतिविधियां चलती रहती है वह लोग वक्त रहते सही भी हो जाते हैं और इसी वजह से आप लोगों ने जितने भी कोमा से ठीक हुए केस देखे होंगे उसी श्रेणी में आते हैं जिनका दिमाग कोमा में होने के बावजूद हलचल कर रहा होता है दोस्तों इस अवस्था में लोग सपने भी देखते हैं और आप उनसे जो बातचीत करते हैं वह जरूर सुन भी सकते हैं।

हम आपको बता दें ऐसे कई सारे केस के सामने आए हैं जहां पर कोमा से निकल कर वापस जिंदा होने वाले लोगों ने यह बोला कि कोमा किसी नर्क से कम नहीं है। जिनमें एक व्यक्ति का तो यह भी कहना था कि कोमा के दौरान उन्हें महसूस होता था कि उनके चारों तरफ दुआ ही दुआ है साथ ही हर तरफ बर्फ भी गिर रही है और उन्हें जबर्दस्त ठंड भी लगती है।

हालांकि हर इंसान का कोमा से निकलने के बाद एक अलग एक्सपीरियंस होता है लेकिन अधिकतर लोगों को कोमा में जाने के बाद वैसे ही महसूस होता है जैसा मर कर वापस लौट कर आने वाले लोगों को होता है जिसे हम नियर डेथ एक्सपीरियंस कह सकते हैं।

ऐसे दोस्तो आप समझ गए होंगे कि कोमा में जाने के बाद इंसान के साथ क्या होता है और क्या नहीं और हम तो हमेशा यही उम्मीद करेंगे ईश्वर इंसान को किसी व्यवस्था में क्यों ना भेज दे । लेकिन कभी उसे कोमा में न जाना पड़े क्योंकि वाकई में बहुत ज्यादा खतरनाक और दर्दनाक होता है।

बाकी क्या आपके कभी किसी सगे संबंधी कोमा जैसे खतरनाक अवस्था का सामना किया है अगर हां तो उस खीसे   के बारे में हमें कमेंट में जरूर बताना और ऐसे इंटरेस्टिंग पोस्ट  को लगातार देखने के लिए हमारे ब्लॉग Hindi me helps को लोगो के साथ शेयर करे ताकि ये information सभी मिल सकें ब।।

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